रामायण का एक सीन-नज़्में -बृज नारायण चकबस्त-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Brij Narayan Chakbast
रामायण का एक सीन-नज़्में -बृज नारायण चकबस्त-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Brij Narayan Chakbast रुख़्सत हुआ वो बाप से ले कर ख़ुदा का नाम राह-ए-वफ़ा की मंज़िल-ए-अव्वल हुई तमाम मंज़ूर था जो माँ की ज़ियारत का इंतिज़ाम दामन से अश्क पोंछ के दिल से किया कलाम इज़हार-ए-बे-कसी से सितम होगा और भी देखा हमें उदास …