राधा कृष्ण मिलन-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji 

राधा कृष्ण मिलन-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji हरि सौं बूझति रुकमिनि इनमैं को बृषभानु किसोरी । बारक हमै दिखावहु अपने, बालापन की जोरी ॥ जाकौ हेत निरंतर लीन्हे, डोलत ब्रज की खोरी । अति आतुर ह्वै गाइ दुहावन, जाते पर-घर चोरी ॥ रचते सेज स्वकर सुमननि …

Read more

कला और बूढ़ा चाँद -सुमित्रानंदन पंत -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sumitranandan Pant Part 2

कला और बूढ़ा चाँद -सुमित्रानंदन पंत -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Sumitranandan Pant Part 2 बूढ़ा चाँद बूढ़ा चांद कला की गोरी बाहों में क्षण भर सोया है । यह अमृत कला है शोभा असि, वह बूढ़ा प्रहरी प्रेम की ढाल । हाथी दांत की स्‍वप्‍नों की मीनार सुलभ नहीं,- न सही । ओ बाहरी …

Read more

द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji 

द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji  राधा कृष्ण मिलन-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji  कुरुक्षेत्र में कृष्ण-ब्रजवासी भेंट-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Bhakt Surdas Ji  रुक्मिणी कृष्ण संवाद-द्वारिका चरित-सूर सुखसागर -भक्त सूरदास जी …

Read more