रात दिन सिलसिला-ए-उम्र-ए-रवाँ की कड़ियाँ-गीत-अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi,
रात दिन सिलसिला-ए-उम्र-ए-रवाँ की कड़ियाँ-गीत-अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi, रात दिन सिलसिला-ए-उम्र-ए-रवाँ की कड़ियाँ कल जहाँ रूह झुलस जाती थी अपने साए से भी आँच आती थी आज उसी दश्त पे सावन की लगी हैं झड़ियाँ रात दिन सिलसिला-ए-उम्र-ए-रवाँ की कड़ियाँ शब को जो वादियाँ सुनसान रहीं …