रात के उनींदे अरसाते-आलम शेख -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Aalam Sheikh

रात के उनींदे अरसाते-आलम शेख -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Aalam Sheikh रात के उनींदे अरसाते, मदमाते राते अति कजरारे दृग तेरे यों सुहात हैं । तीखी तीखी कोरनि करोरि लेत काढ़े जिउ, केते भए घायल औ केते तफलात हैं । ज्यों ज्यों लै सलिल चख ‘सेख’ धोवै बार बार, त्यों त्यों …

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