रात आधी से ज्यादा गई थी सारा आलम सोता था-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri

रात आधी से ज्यादा गई थी सारा आलम सोता था-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri रात आधी से ज्यादा गई थी, सारा आलम सोता था नाम तेरा ले ले कर कोई दर्द का मारा रोता था चारागरों, ये तस्कीं कैसी, मैं भी हूं इस दुनिया में उनको ऐसा दर्द …

Read more