राज़ी और रज़ा-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

राज़ी और रज़ा-कविता-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi गर तुझ में ऐ परीरू! या मेहर या जफा है। या रास्ती का मिलना, या सर ब सरदग़ा है॥ कर तू वही जो तेरे, अब दिल को खुश लगा है। हम जानते नहीं हैं, कुछ नेको बद कि क्या है॥ राज़ी हैं …

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