अल्पविराम से आगे, न करो मेरा निर्माण-अल्पविराम-राजगोपाल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajagopal
अल्पविराम से आगे, न करो मेरा निर्माण-अल्पविराम-राजगोपाल -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajagopal मेरे उर पर पत्थर रख कर क्या देखूँ नयनों मे नीर भर कर गिरा मैं यहीं स्मृतियों से डर कर छल गया स्वर्ग, धरा पर ही उड गये प्राण अल्पविराम से आगे, न करो मेरा निर्माण विकल कंठ से अपनी व्यथा किसे …