राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan उदास शहर-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan समाधान-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan ऐसा एक दीप जलाऊं-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan अंधकार के बीज-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi …

Read more

उदास शहर-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

उदास शहर-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan याद है मुझे वह खुशहाल दिन डाल दिये गए मेरे जीवन की गुल्लक में शुभकामनाओं के खनकते सिक्के और बांटते रहे हर पल हंसी जिसमे खोजनी है मुझे संवाद की पगडंडियां इस विकल्पहीन समय में उदास पड़े शहर में हर तरफ छिड़ी है …

Read more

समाधान-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

समाधान-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan पीड़ा के दस्तावेजों पर फिर मौन ने हस्ताक्षर कर दिए और हसरतों की आँच पर उबलती जिंदगी बनकर रह गई किसी सूखे वृक्ष के ठूंठ की भांति जहां कभी नहीं उग पायेगी ख्वाहिशों की नवीन फसलें संघर्षों के ताप से जिंदगी मोम की तरह …

Read more

ऐसा एक दीप जलाऊं-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

ऐसा एक दीप जलाऊं-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan हर बरस की तरह स्मृतियों को स्पर्श करती चुपके -चुपके आएगी दिवाली की रात देने अंधकार को फिर मात इच्छा है इस दिवाली जलाऊं एक ऐसा दीप जिसकी बाती मिटे नहीं जिसका तेल कभी रीते नहीं और वह अखंड दीप प्रकाशित …

Read more

अंधकार के बीज-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

अंधकार के बीज-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan ज्योतिपर्व पर जला रहे हो पीड़ा के दीप लील चुका है तम परम्परा, संस्कृति और संस्कार ज्योति – पर्व के अस्तित्व बोध में अंधकार से लड़ना चाहते हो तो आओ जलालो अपने भीतर की मशालें संजो लो अंतर्मन में अस्तित्वबोध का दीप …

Read more

 मानवता का पुनर्जन्म-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

मानवता का पुनर्जन्म-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan आत्मा के अंधेरे कोनों में चेतना की लौ कहीं धुंधली हो गई है मंदिर में बज़ते ताल मजीरे के स्वर कुछ पीड़ा देने लगे हैं पत्थर के भगवान भी तो कुछ देखते – सुनते नहीं हमें तो जो रिक्त – तिक्त जीवन …

Read more

सम्वेदनाओं की फसल-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

सम्वेदनाओं की फसल-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan मैं पी लेना चाहता था सारा का सारा समुद्र उसके खारेपन के बावजूद किंतु अपने मे ही पराजित हो मृदुजल की एक बून्द भी देना तुमने ठीक नहीं समझा गुजरता था मैं झूठे वायदों और आश्वासनों के बीच आक्रमकता की खुली खिड़कियों …

Read more

प्रश्नों की परछाइयाँ-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

प्रश्नों की परछाइयाँ-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan सिमटते जा रहे हैं दिल और…… जज्बातों के रिश्ते जिनके परिभाषित हो जाने पर अकारण का आरंभ असमय का अंत दोनों ही व्यर्थ हो जाते हैं सौदा करने में जो माहिर है बस वही कामयाब है हमारे आस- पास भटकते शब्दों के …

Read more

बाढ़-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

बाढ़-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan टूटी हुई खिड़कियां हवा की हर आहट पर शोर मचाती है बेशर्मी के साथ खड़ा नँगा दरवाजा मेरे अभावों का उड़ाता है मज़ाक अभावों की रेत और गरीबी की मार कभी भी घायल कर सकती है मुझे क्योंकि प्रकृति ने भी मेरे साथ धोखा …

Read more

पीड़ा-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan

पीड़ा-राजकुमार जैन राजन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajkumar Jain Rajan तुम्हारे प्यार की आँच में सीधे- सीधे ही पूर्णता पा लेना चाहता था पूनम के चाँद- सा वक्त से आये फासले नहीं भूले हथेलियों की गरमाहट खामोशियों में ही जिंदगी बसर होती रही हमारी कभी कभी जज्बात के ताने- बाने समेट कर नर्म, रेशमी, …

Read more