राग जात रागी जानै, बैरागै बैरागी जानै-कबित्त-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji
राग जात रागी जानै, बैरागै बैरागी जानै-कबित्त-भाई गुरदास जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Bhai Gurdas Ji राग जात रागी जानै, बैरागै बैरागी जानै त्यागह त्यागी जानै, दीन दया दान है । जोग जुगत जोगी जानै, भोगरस भोगी जानै रोग दोख रोगी जानै प्रगट बखान है । फूल राख माली जानै, पानह तम्बोली …