कविता-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

कविता-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) शामील-इक वीर-योधा- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov)  कविता-तेरे बाझों इह दुनियां है, ज्युं कोई गुफ़ा हनेरी ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov)  कविता-पहलां कंम ते कंम तों बाअद आए आराम ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल …

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शामील-इक वीर-योधा- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

शामील-इक वीर-योधा- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) (शामील ज़ारशाही विरुद्ध दाग़िस्तान दा वीर योधा सी, सरकार ने उसनूं कौमां विच फुट्ट पाउन वाला ऐलान दित्ता, रसूल ने जोश विच शामील विरुद्ध कविता रची, इह कविता उसे दा पछतावा है ।) फिर उह ज़खम पुराना जेहड़ा आखर कदी ना भरिया, …

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कविता-तेरे बाझों इह दुनियां है, ज्युं कोई गुफ़ा हनेरी ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

कविता-तेरे बाझों इह दुनियां है, ज्युं कोई गुफ़ा हनेरी ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) तेरे बाझों इह दुनियां है, ज्युं कोई गुफ़ा हनेरी । चानन जिसदी समझ ना आए, सूरज चीज़ पराई । जां आकाश जित्थे कोई तारा, पाए कदे ना फेरी । जां फिर प्यार जिन्हे गलवकड़ी, …

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कविता-पहलां कंम ते कंम तों बाअद आए आराम ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

कविता-पहलां कंम ते कंम तों बाअद आए आराम ।- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) पहलां कंम ते कंम तों बाअद आए आराम । सैना कूच करे, फिर दस मिंट लई विशराम । तूं मेरे लई दोवें-कूच अते विशराम तूं मेरे लई दोवें-मेहनत अते आराम तूं लोरी सैं, जिस सी …

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 मां-बोली- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

मां-बोली- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) सुपने बड़ी विचितर दुनियां हुन्दे ने । अज्ज सुपने विच देखां-मैं मरिया होया । सिखर दुपहरे दाग़िस्तान दी वादी विच सीने गोली खाधी, मैं निरजिन्द प्या । कोलों दी रौला पाउंदी इक नदी वहे । अज्ज किसे नूं चेता, ना ही लोड़ मेरी …

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गीत लै आणे- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

गीत लै आणे- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) पैंडे पैन तों पहलां पांधी की रस्ते लई नाल विचारे ? कुझ पीणा, कुझ खाना लैंदा पर, मेरे महमान प्यारे आ, साडे सिर मत्थे उत्ते, सभ कासे दा फिकर हटाई पीना तैनूं असीं दियांगे खाना कोई परबत दी जाई । पैंडे …

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हाजी-मुरात दी लोरी- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

हाजी-मुरात दी लोरी- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 1 मुक्खड़े ‘ते मुस्कान ल्या के, मुक्खड़े ‘ते मुस्कान ल्या के, सुन, पुत्तरा मैं गीत सुणावां । इक सूरमे दा इह किस्सा, सूरे पुत्तर ताईं सुणावां । मान बड़े नाल खड़ग आपणी, लक्क दे नाल उह बन्न्हदा सी । सरपट घोड़े …

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मां दी लोरी धी लई – पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

मां दी लोरी धी लई – पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 1 सोन सुनहरे, धागे दे गोले जेही – धी मेरी ए । सोन सुनहरे, धागे दे गोले जेही – धी मेरी ए । चांदी वन्ने, चमचम करदे, फीते जेही – धी मेरी ए । उच्चे परबत उत्ते जो …

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मां दी लोरी पुत्त लई- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

मां दी लोरी पुत्त लई- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov)   1 मेरे लाल तूं वड्डा हो के शकतीवान हो जावेंगा । मेरे लाल तूं वड्डा हो के शकतीवान हो जावेंगा । खूनी बघ्याड़ां दे दन्दों कढ्ढ के मास ल्यावेंगा । होवेंगा जद लाल तूं वड्डा, फुरती ऐसी आएगी, …

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पहाड़ी गीत दा जनम- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) 

पहाड़ी गीत दा जनम- पंजाबी कविता( अनुवाद)-रसूल हमज़ातोव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rasul Gamzatov(Rasool Hamzatov) लोकां दे सुपन्यां विच्चों इहने जनम ल्या । पर ना कोई जाणे, कदों कित्थे इहने जनम ल्या । जाणों चौड़ी छाती अन्दर इह सी पिघल्या, गर्म खून दियां वहणियां अन्दर सी इह उबल्या । इह सी गगन दे तारियां कोलों …

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