मेरा माथा नत कर दो तुम-गीतांजलि-रवीन्द्रनाथ ठाकुर -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rabindranath Tagore Gitanjali (आमार माथा नत क’रे दाव तोमार चरण धूलार त’ ले)
मेरा माथा नत कर दो तुम-गीतांजलि-रवीन्द्रनाथ ठाकुर -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rabindranath Tagore Gitanjali (आमार माथा नत क’रे दाव तोमार चरण धूलार त’ ले) मेरा माथा नत कर दो तुम अपनी चरण-धूलि-तल में; मेरा सारा अहंकार दो डुबो-चक्षुओं के जल में। गौरव-मंडित होने में नित मैंने निज अपमान किया है; घिरा रहा अपने में …