मन्क़बत अमीरुलमोमिनीन- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
मन्क़बत अमीरुलमोमिनीन- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi नूरे ज़हूरे ख़ालिके़ अकबर को क्या लिखूं। रूहे रवाने जिस्म पयम्बर को क्या लिखूं। दरियाए मारिफ़त के शिनावर को क्या लिखूं। दोनों जहाँ के गौहरे अनवर को क्या लिखूं। हैरत में हूं कि हैदरे सफ़दर को क्या लिखूं॥1॥ गर नूर उसका …