मुरली का गीत-नज्में -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry

मुरली का गीत-नज्में -मौलाना रूमी -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Maulana Rumi Poetry सुनो ये मुरली कैसी करती है शिकायत । हैं दूर जो पी से, उनकी करती है हिकायत ॥ काट के लाये मुझे, जिस रोज़ वन से । सुन रोए मरदोज़न, मेरे सुर के ग़म से ॥ खोजता हूँ एक सीना फुरक़त से …

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