कबूतरबाज़ी-मेले खेल तमाशे -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
कबूतरबाज़ी-मेले खेल तमाशे -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi है आलमे बाज़ी में जो मुम्ताज़ कबूतर। और शौक़ के ताइर से हैं अम्बाज़ कबूतर। भाते हैं बहुत हमको यह तन्नाज़ कबूतर। मुद्दत से जो समझें हमें हमराज़ कबूतर। फिर हमसे भला क्योंकि रहें बाज़ कबूतर॥1॥ हैवान हैं गरचे अजब अन्दाज …