मुदावा हब्स का होने लगा आहिस्ता आहिस्ता-ग़ज़लें -अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi,

मुदावा हब्स का होने लगा आहिस्ता आहिस्ता-ग़ज़लें -अहमद नदीम क़ासमी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmad Nadeem Qasmi, मुदावा हब्स का होने लगा आहिस्ता आहिस्ता चली आती है वो मौज-ए-सबा आहिस्ता आहिस्ता ज़रा वक़्फ़ा से निकलेगा मगर निकलेगा चाँद आख़िर कि सूरज भी तो मग़रिब में छुपा आहिस्ता आहिस्ता कोई सुनता तो इक …

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