मुझ को मुआफ़ कीजिए रिंद-ए-ख़राब जान के-ग़ज़लें-नौशाद अली(नौशाद लखनवी)-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naushad Ali
मुझ को मुआफ़ कीजिए रिंद-ए-ख़राब जान के-ग़ज़लें-नौशाद अली(नौशाद लखनवी)-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Naushad Ali मुझ को मुआफ़ कीजिए रिंद-ए-ख़राब जान के आँखों पे होंट रख दिए जाम-ए-शराब जान के हश्र में ऐ ख़ुदा न ले मुझ से हिसाब-ए-ख़ैर-ओ-शर मैं ने तो सब भुला दिया रात का ख़्वाब जान के वक़्त ने …