मुझे क्यूँ न आवे साक़ी नज़र-इंशा अल्ला खाँ ‘इंशा’ -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Insha Allah Khan Insha
मुझे क्यूँ न आवे साक़ी नज़र-इंशा अल्ला खाँ ‘इंशा’ -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Insha Allah Khan Insha मुझे क्यूँ न आवे साक़ी नज़र आफ़्ताब उल्टा कि पड़ा है आज ख़ुम में क़दह-ए-शराब उल्टा अजब उल्टे मुल्क के हैं अजी आप भी कि तुम से कभी बात की जो सीधी तो मिला …