मुझको मारा है हर इक दर्द-ओ-दवा से पहले-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri
मुझको मारा है हर इक दर्द-ओ-दवा से पहले-कविता -फ़िराक़ गोरखपुरी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Firaq Gorakhpuri मुझको मारा है हर इक दर्द-ओ-दवा से पहले दी सज़ा इश्क ने हर ज़ुर्म-ओ-खता से पहले आतिश-ए-इश्क भडकती है हवा से पहले होंठ जलते हैं मोहब्बत में दुआ से पहले अब कमी क्या है तेरे बेसर-ओ-सामानों …