मुझको जीवन आधार नहीं मिलता है-नदी किनारे-गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj
मुझको जीवन आधार नहीं मिलता है-नदी किनारे-गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj मुझको जीवन आधार नहीं मिलता है आशाओं का संसार नहीं मिलता है। मधु से पीड़ित-मधुशाला से निर्वासित, जग से, अपनों से निन्दित और उपेक्षित- जीने के योग्य नहीं मेरा जीवन पर मरने का भी अधिकार नहीं मिलता …