मुझको इतने से काम पे रख लो-बूढ़े पहाड़ों पर-गुलज़ार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gulzar
मुझको इतने से काम पे रख लो-बूढ़े पहाड़ों पर-गुलज़ार-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gulzar मुझको इतने से काम पे रख लो… जब भी सीने पे झूलता लॉकेट उल्टा हो जाए तो मैं हाथों से सीधा करता रहूँ उसको मुझको इतने से काम पे रख लो… जब भी आवेज़ा उलझे बालों में मुस्कुराके …