असुमेध जगने-रागु गोंड बाणी नामदेउ जी की ੴ सतिगुर प्रसादि -शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji 

असुमेध जगने-रागु गोंड बाणी नामदेउ जी की ੴ सतिगुर प्रसादि -शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji असुमेध जगने ॥ तुला पुरख दाने ॥ प्राग इसनाने ॥1॥ तउ न पुजहि हरि कीरति नामा ॥ अपुने रामहि भजु रे मन आलसीआ ॥1॥रहाउ॥ गइआ पिंडु भरता ॥ …

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