दीवाली पर रुबाइयाँ-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans

दीवाली पर रुबाइयाँ-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans सब ओर ही दीपों का बसेरा देखा, घनघोर अमावस में सवेरा देखा। जब डाली अकस्मात नज़र नीचे को, हर दीप तले मैंने अँधेरा देखा।। तुम दीप का त्यौहार मनाया करते, तुम हर्ष से फूले न समाया करते। …

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 मुक्तक और रुबाइयां-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans

मुक्तक और रुबाइयां-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans अब और नहीं समय गँवाना है तुम्हें, दुख सह के भी कर्त्तव्य निभाना है तुम्हें यौवन में बड़ी शक्ति है यह मत भूलो हर बूँद से तूफान उठाना है तुम्हें अंगों पै है परिधान फटा क्या कहने …

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