दीवाली पर रुबाइयाँ-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans
दीवाली पर रुबाइयाँ-मुक्तक व रुबाइयाँ -उदयभानु हंस -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Uday Bhanu Hans सब ओर ही दीपों का बसेरा देखा, घनघोर अमावस में सवेरा देखा। जब डाली अकस्मात नज़र नीचे को, हर दीप तले मैंने अँधेरा देखा।। तुम दीप का त्यौहार मनाया करते, तुम हर्ष से फूले न समाया करते। …