मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 7

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 7 मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 6 मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 5 मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 7

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 7 है नहीं कोई कमी, पर कुछ कमी लगती है दोस्त है नहीं कोई कमी, पर कुछ कमी लगती है दोस्त ! मुस्कराती आँख भी हर शबनमी लगती है दोस्त ! है बिछुड़ तुम से गई जब से उमर की राधिका तब …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 6

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 6 आह वह रूप, वह यौवन, वह निरी शोख छटा आह वह रूप, वह यौवन, वह निरी शोख छटा जिसने देखी न तेरे दर से वो फिर दूर हटा, गोरे मुखड़े पै वो बिखरी हुई बालों की लटें चाँद को जैसे लिये …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 5

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 5 दीप कहने से नहीं जलता है दीप कहने से नहीं जलता है, फूल हँसने से नहीं खिलता है, प्यार रो-रो के माँगने वाले! प्यार मांगे से नहीं मिलता है। मंझधार में कूदूँ तो वह साहिल बन जाय मंझधार में कूदूँ तो …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 4

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 4 इस शहर की हर एक सड़क गन्दी है इस शहर की हर एक सड़क गन्दी है सूरज की किरन भी तो यहाँ अंधी है तू चम्पा चमेली का यहाँ ज़िक्र न कर इस बाग़ में हर खुशबू पे पाबन्दी है। हर …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 3

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 3 रत्न तो लाख मिले, एक ह्रदय-धन न मिला रत्न तो लाख मिले, एक ह्रदय-धन न मिला, दर्द हर वक्त मिला, चैन किसी क्षण न मिला, खोजते – खोजते ढल धूप गई जीवन की दूसरी बार सगर लौट के बचपन न मिला। …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 2

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 2 चल रहे हैं जो उन्हें चल के डगर में देखो चल रहे हैं जो उन्हें चल के डगर में देखो, तैरने वाले को तट से न, लहर से देखो, देखना ही है जो इन्सान में भगवान तुम्हें, आदमी को ही आदमी …

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मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 1

मुक्तकी -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj 1 देह तो सिर्फ साँस का घर है देह तो सिर्फ साँस का घर है, साँस क्या? बोलती हवा भर है, तुम मुझे अच्छा-बुरा कुछ न कहो आदमी वक्त का हस्ताक्षर है। जहाँ भी जाता हूँ सुनसान नज़र आता है जहाँ भी …

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