तनहाई-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz
तनहाई-नक़्शे फ़रियादी-फ़ैज़ अहमद फ़ैज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Faiz Ahmed Faiz फिर कोई आया दिल-ए-ज़ार नहीं कोई नहीं राहरौ होगा, कहीं और चला जायेगा ढल चुकी रात, बिखरने लगा तारों का ग़ुबार लड़खड़ाने लगे ऐवानों में ख़्वाबीदः चिराग़ सो गई रस्तः तक-तक के हरइक राहगुज़ार अजनबी ख़ाक ने धुँदला दिये क़दमों के …