मीठा बेर-भूरी-भूरी खाक-धूल -गजानन माधव मुक्तिबोध-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gajanan Madhav Muktibodh 

मीठा बेर-भूरी-भूरी खाक-धूल -गजानन माधव मुक्तिबोध-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gajanan Madhav Muktibodh हज़ारों फ़्लैशलाइट-रेखाएं सुदूर मेघों पर तुम्हारी कविताएँ लिखती हैं रंगीन अक्षरों में!! हज़ारों फ़्लैशलाइटें, जो तुम ने मंगायी हैं दूर-स्थित देशों से जो तुमने बनायी हैं अपने आवेश – प्रकाशन के लिए वे निधि तुम्हारी हैं!! किन्तु सच जान …

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