मालिक छंद (राधा रानी)-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep 

मालिक छंद (राधा रानी)-शुचिता अग्रवाल शुचिसंदीप -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Suchita Agarwal Suchisandeep   चंद्र चाँदनी, मुदित मोहिनी राधा। बिना तुम्हारे श्याम सदा ही आधा।। युगल रूप में तुम मोहन की छाया। एकाकार हुई लगती दो काया।। वेणु रूप में तुम जब शोभित होती। श्याम अधर रसपान अमिय में खोती।। दृश्य अलौकिक रसिक भक्त …

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