माया में मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman
माया में मन-कविता-पूर्णिमा वर्मन-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Purnima Varman दिन भर गठरी कौन रखाए माया में मन कौन रमाए दुनिया ये आनी जानी है ज्ञानी कहते हैं फ़ानी है चलाचली का- खेला है तो जग में डेरा कौन बनाए माया में मन कौन रमाए कुछ न जोड़े संत फ़कीरा बेघर फिरती …