मा’बूद-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz,
मा’बूद-दर्द आशोब -अहमद फ़राज़-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ahmed Faraz, बहुत हसीन हैं तेरी अक़ीदतों के गुलाब हसीनतर है मगर हर गुले-ख़याल तिरा हर एक दर्द के रिश्ते में मुंसलिक दोनों तुझे अज़ीज़ मिरा फ़न , मुझे जमाल तिरा मगर तुझे नहीं मालूम क़ुर्बतों के अलम तिरी निगाह मुझे फ़ासलों से चाहती …