मानव पहले तुम इंसान बनो-कविता-प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Praful Singh “Bechain Kalam”
मानव पहले तुम इंसान बनो-कविता-प्रफुल्ल सिंह “बेचैन कलम” -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Praful Singh “Bechain Kalam” विस्मित हो जन-जन नवाचार से, कुछ ऐसी तुम पहचान बनो, जाति, धर्म, मुद्रा, कहते क्या, तुम सर्वप्रथम इंसान बनो। तुम धर्मज्ञाता तुम कर्तव्यनिष्ठ, तुम आदर्शों के वंशज हो, क्यों घृणा आपस में रखते, तुम …