मानव जिन्दगी की झलक- कविता-राजप्रीत हंस-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajpreet Hans 

मानव जिन्दगी की झलक- कविता-राजप्रीत हंस-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Rajpreet Hans आज की यह दुनियाँ, है बड़ी विचित्र। करती है प्रस्तुत, अलग ही चित्र।। हर कदम, हर गली, यह बदलती है अपना रंग। सबसे पहले सीखो, इसके जीने का ढंग।। प्यार मे पागल दुनियाँ, आज लगी है भागने। आज यह दुनियाँ भी, सीमा लगी …

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