मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh
मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े-कविता -दीपक सिंह-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Deepak Singh मानवता खड़ी है कफ़न ओढ़े, जाग जाये तो हम हैं।। तुम्ही तुम हो हमी हम है न तुम हम हो न हम तुम है।। इंसान जब है हारता, परिणाम है निकालता। विज्ञान जब है हारता, ईश्वर को है …