मां-प्रो. अजहर हाशमी-Prof. Azhar Hashmi | Hindi Poem | Hindi Kavita,
मां-प्रो. अजहर हाशमी-Prof. Azhar Hashmi | Hindi Poem | Hindi Kavita, मां बच्चों को सदा बचाती, दुविधा-दिक्कत, कोप-कहर से । बुरी नजर ‘छू-मंतर’ होती, मां की ममता भरी नजर से।। बच्चों की खुशियों की खातिर, मां ने मन्नत मान रखी है। मंदिर-मस्जिद-गुरुद्वारे से, और साथ में गिरजाघर से ।। रोजगार के लिए सुबह जब, शहर …