माँ गंगे! शुचि ताल तरंगे!-कविता-डॉ. दिनेश चमोला शैलेश-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dr. Dinesh Chamola Shailesh
माँ गंगे! शुचि ताल तरंगे!-कविता-डॉ. दिनेश चमोला शैलेश-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Dr. Dinesh Chamola Shailesh माँ गंगे ! शुचि ताल तरंगे ! सौ-सौ बार प्रणाम तुम्हें पाप विनाशिनि! स्वर्ग निवासिनी! वंदन आठों याम तुम्हें कष्ट, ताप सह, गिरि-गह्वर,तम जीवन के अवसाद, कठिनतम नित्य लक्ष्य धर, चरण द्रुतगतिक्रम बढ़े नित्य गंतव्य, …