कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma

कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 1 कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 2 सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 6 सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita …

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महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma

महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 1 कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 2 सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 6 सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 5 सप्तपर्णा …

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कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 1

कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 1 कहाँ रहेगी चिड़िया कहाँ रहेगी चिड़िया? आंधी आई जोर-शोर से, डाली टूटी है झकोर से, उड़ा घोंसला बेचारी का, किससे अपनी बात कहेगी? अब यह चिड़िया कहाँ रहेगी ? घर में पेड़ कहाँ से लाएँ? कैसे यह घोंसला बनाएँ? कैसे फूटे अंडे जोड़ें? किससे …

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कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 2

कविता -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Part 2 मधुर मधु-सौरभ जगत् को मधुर मधु-सौरभ जगत् को स्वप्न में बेसुध बनाता वात विहगों के विपिन के गीत आता गुनगुनाता ! मैं पथिक हूँ श्रांत, कोई पथ प्रदर्शक भी न मेरा ! चाहता अब प्राण अलसित शून्य में लेना बसेरा ! (जापानी कवि योनेजिरो …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 6

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma SaptparnaPart 6 अज विलाप ‘सुमन के भी स्पर्श से जब प्राण तन को छोड़ जाता, मारने के हित न साधन कौन सा पाता विधाता ! या मृदुल के अन्त हित विधि खोजता साधन सुकोमल, है मुझे अनुभव, न हिम का भार सहते कमलिनी – दल ! …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 5

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 5 उद्बोधन अब शयन त्यागो सुधीवर यामिनी बीती ! धुरी दुर्वह लोक की यह बांट दी विधि ने द्विधा कर, जनक करते हैं वहन नित एक को निस्तन्द्र रह कर, अपर जिसके छोर के तुम हो स्वयं वाहक धुरन्धर ! यामिनी बीती सुधीवर ! …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 4

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 4 बोध मुझको देखो, मुझको जानो ! मैं मनु था मैं कक्षिवान मैं सूर्य दिवाकर, अपनाता हूँ आर्जुनेय (विद्वज्जन) को मैं ही ऋतपर । मुझको देखो, मुझको जानो ! आर्य (श्रेष्ठ) जनों के हित मैं धरती का दाता हूँ, दानशील के लिए वृष्टियाँ मैं …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 3

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 3  जागरण सज गया दक्षिणा का देखो वह महत यान, सब जाग उठे हैं अमृत पुत्र भी कान्तिमान ! आर्या अरुणा आरूढ़ आ रही तिमिर पार, गृह गृह पहुँचाने ज्योतिर्धन का अतुल भार । जेता संग्रामों की ऐश्वर्यों की रानी, चेतन जग से पहले …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 2

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 2  ज्योतिष्मती आ रही उषा ज्योति:स्मित ! प्रज्जवलित अग्नि है लहराती आभा सित । सब द्विपद चतुष्पद प्राणि जगत है चंचल, सविता ने सब को दिया कर्म का सम्बल, नव रश्मिमाल से भूमण्डल-परिवेषित ! आ रही उषा ज्योति:स्मित ! जो ऋत् की पालक मानव-युग-निर्मायक, …

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सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 1

सप्तपर्णा -महादेवी वर्मा-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Mahadevi Verma Saptparna Part 1 सप्तपर्णा सप्तपर्णा में महादेवी वर्मा ने संस्कृत और पालि साहित्य के वेद, रामायण, थेर गाथा, अश्वघोष, कालिदास, भवभूति एवं जयदेव की चयनित कृतियों में से 39 अंशों का हिन्दी काव्यानुवाद प्रस्तुत किया है। इसके सात सोपान हैं: आर्षवाणी, वाल्मीकि, थेरगाथा, अश्वघोष, कालिदास, भवभूति …

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