मन्क़बत दर शाने अमीरुलमोमिनीन – कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi 

मन्क़बत दर शाने अमीरुलमोमिनीन – कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi   करूं क्या वस्फ़ मैं उनका अलमनाक। कि जिनकी शान में आया है लौलाक। फिरा जो अर्श और कुर्सी पै चालाक। कहां वह और कहां मेरा यह इदराक। चः निस्बत ख़ाक रा बा आलमे पाक॥1॥ मुहम्मद रहमतुललिलआलमी हैं। हबीबे …

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