मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में-नज़्में -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli
मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में-नज़्में -निदा फ़ाज़ली-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nida Fazli मस्जिदों-मन्दिरों की दुनिया में मुझको पहचानते कहाँ हैं लोग रोज़ मैं चांद बन के आता हूँ दिन में सूरज सा जगमगाता हूँ खनखनाता हूँ माँ के गहनों में हँसता रहता हूँ छुप के बहनों में मैं ही मज़दूर के पसीने …