तारीफ़ पंजतन पाक- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi
तारीफ़ पंजतन पाक- कविता (धार्मिक)-नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi है दिल में मेरे याद जो बारह इमाम की। और आरजू है साक़िये कौसर के जाम की। यह बैत मुझको विर्द है हर सुबहो शाम की। तस्बीह हजार दाना है और उनके नाम की। सुमरन मुझे भली है यह पंजतन …