मलिना-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad

मलिना-कानन कुसुम-जयशंकर प्रसाद-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Jaishankar Prasad नव-नील पयोधर नभ में काले छाये भर-भरकर शीतल जल मतवाले धाये लहराती ललिता लता सुबाल लजीली लहि संग तरून के सुन्दर बनी सजीली फूलो से दोनों भरी डालियाँ हिलतीं दोनों पर बैठी खग की जोड़ी मिलती बुलबुल कोयल हैं मिलकर शोर मचाते बरसाती …

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