मौत का धड़का-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi

मौत का धड़का-सूफ़ियाना कलाम -नज़ीर अकबराबादी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Nazeer Akbarabadi दुनिया के बीच यारो, सब ज़ीस्त का मज़ा है। जीतों के वास्ते ही यह ठाठ सब ठठा है। जब मर गए तो आखिर, फिर उम्र ख़ाके-पा है। ने बाप है न बेटा, ने यार आश्ना है। डरती है रूह यारो, …

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