मयर पहाड़क सब लोग परदेश लघी-पहाड़ी भाषा काव्य-श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht
मयर पहाड़क सब लोग परदेश लघी-पहाड़ी भाषा काव्य-श्याम सिंह बिष्ट -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Shyam Singh Bisht मयर पहाड़क सब लोग परदेश लघी आम, बूब, मै, बाप, हमार घरपन रगि मयर पहाड़क सब नानतिन परदेश लघि ना क्षु केंय भल होसपिटल, ना स्कूल ना पहाडौ में रोजगार रगी बचि कुचि, नेता हमार लुट बै …