महाकाली कालिके- कविता -मनोहर लाल ‘रत्नम’ सहदेव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Manohar Lal Ratnam Sahdev
महाकाली कालिके- कविता -मनोहर लाल ‘रत्नम’ सहदेव-Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita Manohar Lal Ratnam Sahdev कपाल कङ कारिणी, खड़ग खंड धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारणी।। मधु-कैटप संहार के, शुम्भ-निशुम्भ मार के। दुष्ट दुर्गम सीस को, धड़ से ही ऊतार के।। कष्ट सब निवारिणी, शस्ञ हस्त धारिणी। महाकाली कालिके, नमामि भक्त तारणी।। रक्तबीज को मिटाया, …