मनु करि मका किबला करि देही-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji
मनु करि मका किबला करि देही-शब्द-कबीर जी -Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kabir Ji मनु करि मका किबला करि देही ॥ बोलनहारु परम गुरु एही ॥१॥ कहु रे मुलां बांग निवाज ॥ एक मसीति दसै दरवाज ॥१॥ रहाउ ॥ मिसिमिलि तामसु भरमु कदूरी ॥ भाखि ले पंचै होइ सबूरी ॥२॥ हिंदू तुरक …