मनमाना-फूल पत्ते अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh,

मनमाना-फूल पत्ते अयोध्यासिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Ayodhya Singh Upadhyay Hariaudh, कभी है नया जाल बिछता। कभी फंदे हैं पड़ जाते। कभी कोई कमान खिंचती। तीर पर तीर कभी खाते।1। मोहनी कभी मोहती है। कभी मनमोल लिया जाता। कभी मोती जैसा आँसू। पत्थरों को है पिघलाता।2। कभी कुछ टोना होता …

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