मधु पीते-पीते थके नयन, फ़िर भी प्यासे अरमान !-लहर पुकारे -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj
मधु पीते-पीते थके नयन, फ़िर भी प्यासे अरमान !-लहर पुकारे -गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj मधु पीते-पीते थके नयन, फिर भी प्यासे अरमान ! जीवन में मधु, मधु में गायन, गायन में स्वर, स्वर में कंपन कंपन में साँस, साँस में रस, रस में है विष, विष मध्य …