मधुशाला-हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2
मधुशाला-हरिवंशराय बच्चन -Hindi Poetry-कविता-Hindi Poem | Kavita By Harivansh Rai Bachchan Part 2 परिशिष्ट से स्वयं नहीं पीता, औरों को, किन्तु पिला देता हाला, स्वयं नहीं छूता, औरों को, पर पकड़ा देता प्याला, पर उपदेश कुशल बहुतेरों से मैंने यह सीखा है, स्वयं नहीं जाता, औरों को पहुंचा देता मधुशाला। मैं कायस्थ कुलोदभव मेरे पुरखों …