काएं रे मन बिखिआ बन जाइ-सारंग बाणी नामदेउ जी की ੴ सतिगुर प्रसादि-शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji

काएं रे मन बिखिआ बन जाइ-सारंग बाणी नामदेउ जी की ੴ सतिगुर प्रसादि-शब्द (गुरू ग्रंथ साहिब) -संत नामदेव जी-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Sant Namdev Ji काएं रे मन बिखिआ बन जाइ ॥ भूलौ रे ठगमूरी खाइ ॥1॥रहाउ॥ जैसे मीनु पानी महि रहै ॥ काल जाल की सुधि नही लहै ॥ जिहबा …

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