मधुर, तुम इतना ही कर दो-नदी किनारे-गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj
मधुर, तुम इतना ही कर दो-नदी किनारे-गोपालदास नीरज-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Gopal Das Neeraj मधुर, तुम इतना ही कर दो! यदि यह कहते हो मैं गाऊँ, जलकर भी आनन्द मनाऊँ- इस मिट्टी के पंजर में मत छोटा – सा उर दो! मधुर, तुम इतना ही कर दो! तेरी मधुशाला के भीतर, …