मद्यँतिका (मेहंदी) -बिन गाये भी तुमको गाया -कुमार विश्वास-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kumar Vishwas
मद्यँतिका (मेहंदी) -बिन गाये भी तुमको गाया -कुमार विश्वास-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kumar Vishwas मैं जिस घर में रहता हूँ, उस घर के पिछवाड़े कुल चार साल की एक बालिका रहती है जाने क्यूँ मेरी गर्दन से लिपट झूल वो मुझको सबसे प्यारा अंकल कहती है है नाम जिसका मद्यन्तिका याकि …