मद्धिम उजाले में-इन दिनों -कुँवर नारायण-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kunwar Narayan
मद्धिम उजाले में-इन दिनों -कुँवर नारायण-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Kunwar Narayan कभी-कभी एक फूल के खिलते ही उस पर मुग्ध हो जाता है पूरा जंगल देखते-देखते फूल-ही-फूल हो जाता है उसका तन-मन, उसका जल थल, उसका प्रति पल… यह सिज आरण्यक का दूसरा हिस्सा है उसके पहले हिस्से में फूल नहीं …