मदर टेरेसा-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar 

मदर टेरेसा-लावा -जावेद अख़्तर-Hindi Poetry-हिंदी कविता -Hindi Poem | Hindi Kavita Javed Akhtar ए माँ टेरेसा मुझको तेरी अज़मत से इनकार नहीं है जाने कितने सूखे लब और वीराँ आँखें जाने कितने थके बदन और ज़ख़्मी रूहें कूड़ाघर में रोटी का इक टुकड़ा ढूँढते नंगे बच्चे फ़ुटपाथों पर गलते सड़ते बुड्ढे कोढ़ी जाने कितने बेघर …

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